independence day speech in Hindi स्वतंत्रता दिवस स्पीच
15
अगस्त,
1947 का दिन हम भारतवासियों के लिए एक अविस्मरणीय दिन रहेगा। इस दिन
को इतिहास कभी भुला नहीं सकता। सदियों की गुलामी के बाद आज ही के दिन हम भारवासी
आजाद हुए थे। सब ने शांति एवं सुख का अनुभव किया था। इस दिन का प्रभाव कुछ अद्भुत
यादें संजोए हुए आया था। लोग जब सोए तो परतंत्र थे; परंतु जब
प्रातः उनकी आँख खुली, तो वे पूर्ण स्वतंत्र नागरिक थे। यह
हमारे लिए एक महत्त्वपूर्ण राष्ट्रीय त्योहार है।
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independence day speech in hindi |
अनेक
बलिदान- भारत सदियों तक अंग्रेजों का गुलाम रहा। आजादी प्राप्ति के लिए अनेक लोगों
को अपनी कुर्बानी देनी पडी। अनेक वीरों की गाथाएँ इस आजादी के साथ जड़ी हुई हैं।
देश की आजादी के लिए लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने हमें नारा दिया ‘स्वाधीनता हमारा
जन्म सिद्ध अधिकार है और इसे लेकर ही रहेंगे, इस हेतु
उन्होंने महाराष्ट्र में गणेशोत्सव एवं शिवाजी उत्सव का आयोजन किया, जिसकी आड़ में लोगों में स्वतंत्रता में चिनगारी फॅकी। लाला लाजपत राय ने
लाठियों के वार सहकार भी अपना आंदोलन बंद न किया। उनका कहना था कि “मेरी पीठ पर
पड़ा एक-एक लाठी का प्रहार अंग्रेजों के कफन में कील का काम करेगा।” वास्तव में
हुआ भी ऐसा ही। नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने क्रांतिकारी नारा दिया ‘तुम मुझे खून दो,
मैं तुम्हें आजादी दूंगा।’ उनका कहना था कि बिना आत्म-बलिदान के
आजादी प्राप्त करना असंभव है।
स्वतंत्रता
आंदोलन में महात्मा गाँधी का योगदान- महात्मा गाँधी का राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन
में एक विशेष महत्त्व था। वे अहिंसा एवं सत्याग्रह पर विश्वास करते रहे। वे सन्
1928 से भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में कूदे और अंत तक अपने उद्देश्य की प्राप्ति
के लिए आंदोलन करते रहे। इन्होंने अहिंसा को अपना सबसे बड़ा अस्त्र बनाया। इन्होंने
देश के लोगों को अहिंसा के बल पर आज़ादी प्राप्ति हेतु प्रेरित किया। महात्मा
गाँधी के सत्य, अहिंसा एवं त्याग सम्मुख अंग्रेजों को
नत मस्तक होना पड़ा। फलस्वरूप 15 अगस्त, 1947 को देश आजाद
हुआ। नेहरू परिवार का योगदान भी आजादी के लिए अविस्मरणीय रहेगा। पं. मोतीलाल नेहरू,
पं. जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गाँधी आदि ने
आज़ादी पाने के लिए अनेक प्रयत्न किए। इन्हें कई बार जेल यात्राएं भी करनी पड़ीं
एवं न जाने कितनी यातनाओं का सामना करना पड़ा। पं. जवाहरलाल नेहरू ने सन 1929 में
लाहौर में रावी नदी के तट पर भारत को पूर्ण स्वतंत्र कराने की पहली ऐतिहासिक घोषणा
की। इन्होंने निरंतर अठारह वर्ष तक अंग्रेजों के साथ संघर्ष किया। अंततः अंग्रेजों
को भारत छोड़कर जाना पड़ा और हम आजाद हुए।
विविध
आयोजन- यह उत्सव भारत के प्रत्येक ग्राम, नगर एवं
शहर में बड़े धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। शालाओं में आज के दिन विविध
कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। राष्ट्रीय ध्वज फहराकर राष्ट्रगीत गाया जाता
है एवं सारा वातावरण उल्लासमय रहता है। विदेशों में रहने वाले भारतीय भी अपना
राष्ट्रीय पर्व सोल्लास मानते हैं। दिल्ली के लाल किले एवं अन्य प्रमुख स्थलों पर
तिरंगा झंडा लहराया जाता है एवं विभिन्न शालाओं में प्रभात फेरियों का आयोजन किया
जाता है।
15
अगस्त के दिन हम सभी को यह संकल्प लेना चाहिए कि देश की अखंडता,
एकता और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए हर भारतवासी समान रूप से समर्थ
है। यह त्योहार हमें देश-भक्ति की प्रेरणा देता है। तथा अपने लक्ष्य की प्राप्ति
हेतु सफलता की प्रेरणा प्रदान करता है। यह हमारे लिए एक महान् राष्ट्रीय पर्व है।
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